Monday, October 14, 2019

Bhangarh Fort || BEST TOURIST PLACES IN INDIA || HISTORIC PLACES

Bhangarh Fort-


Image result for bhangarh fort
source :- google


   वैसे तो भारत में कई ऐसी जगह हैं जहां पर थोड़ी थोड़ी पैरानॉर्मल एक्टिविटी होती रहती है BEST TOURIST PLACES IN INDIA | HISTORY IN INDIA | TOURIST PLACES IN INDIA | HISTORICAL PLACES IN THE INDIA  | INDIA  LANDMARK | HISTORIC PLACES परंतु भारत के कई राज्यों में से एक राज्य राजस्थान है यहां पर प्राचीन काल की कई  इमारतें लोगों की जानकारी में है और यह इमारतें अपनी खूबसूरती के साथ-साथ अपने रहस्यों के बारे में जानी जाती हैं |

     इनमें से एक है राजस्थान का यह किला अपनी खूबसूरती के लिए जाना जाता है परंतु यह उतना ही खतरनाक भी है कहते हैं भारत की  (A.S.I ) की टीम ने जब इसका सर्वे किया था तो पाया कि यहां पर कुछ ऐसी पैरानॉर्मल एक्टिविटी पाई जाती हैं और तो और आरके लॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया टीम के द्वारा की गई सर्वे के बाद उन्होंने  अर्थात टीम ने  सख्त हिदायत दी है कि शाम के सूर्यास्त के समय 6:00 शाम 6:00 बजे और सूर्योदय से पहले वहां पर अर्थात भानगढ़ के किले के आस पास कोई ना जाए और जो भी जाएगा वह लौटकर नहीं पाएगा क्योंकि यह अत्यंत ही खतरनाक  होगा  उस इंसान के लिए जो इस किले में सूर्यास्त या सूर्योदय से पहले या बाद में जाएगा कहते हैं कुछ लोग वहां पर  कुछ लोग सूर्यास्त के बाद गए परंतु उनमें से कोई भी वापस ना सका कुछ साल पहले जब रात्रि के समय कुछ 5 या 6 लोगों की टीम भानगढ़ के किले में गई तो उनके हाथ में कैमरा था परंतु वह लोग तो नहीं मिले जब सूर्य उदय हुआ  परंतु उनके कैमरे में हुई सारी एक्टिविटी रिकॉर्ड हो गई   |

किले की रचना :-  

   किले की रचना 17 वी शताब्दी में राजस्थान के राजा भगवानदास जी के पुत्र माधव सिंह ने करवाई थी यह कला केवल और केवल पत्थरों और ईंटों से बना है तथा इसका निर्माण 1631 में कछवाहा के राजपूतों के शासन के दौरान करवाया गया था यह भानगढ़ का किला राजस्थान के अलवर जिले में स्थित है या अपनी  खूबसूरती  और प्राचीन सभ्यता के लिए  जाना जाता है |


Image result for bhangarh fort
source :- google


 किले की खासियत :-

    किले की खासियत यह है कि या जितना खूबसूरत है या उतना ही खतरनाक भी है परंतु इसकी कारीगिरी यकीनन बेहद लाजवाब है  और इस किले की कारीगरी पुरानी सभ्यता को दर्शाती भी है या बाहर से कंक्रीट और पत्थर की दीवारों से बनी हुई है  जो कि देखने में बेहद लाजवाब है और अंदर से तो और भी ज्यादा लाजवाब है |

  Image result for bhangarh fort
source :- google



 प्राचीन काल से प्रचलित कहानी :-

   प्राचीन काल में एक कहानी प्रचलित थी या कहानी आज भी राजस्थान के अलवर जिले के लोगों के बीच पूर्व काल से चली रही है कि राजस्थान के अलवर जिले में भानगढ़ का किला जो कि राजा भगवानदास जी के पुत्र माधव सिंह ने बनवाया था वहां  पर स्थानीय लोगों के मध्य या कहानी प्रचलित है कि कहते हैं की भानगढ़ के किले की रानी रत्नावली जो कि बेहद खूबसूरत और आकर्षक थी परंतु उनकी खूबसूरती बहुत लोगों के नजरों में गिर रही थी जिसमें से एक  सिंधुदेवड़ा पर्वत पर रहने वाला एक तांत्रिक था इस तांत्रिक की नजर बहुत पहले से रानी रत्नावती के ऊपर थी और वह तांत्रिक काला जादू करना भी जानता था तथा अपने काले जादू के सहारे रानी रत्नावती को अपने वश में करना चाहता था और उससे यह पता था कि रानी रत्नावती रोज शाम को  सैर पर निकलती थी परंतु एक दिन उनकी तबीयत ना ठीक होने के कारण वह अपनी दासी को   इत्र लेने के लिए बाहर भेजें जब यह बात तांत्रिक को पता चले कि दासी आई है इत्र लेने के लिए तो तांत्रिक ने इत्र को अपने जादू के द्वारा बदल दिया जब दासी उस इत्र को रानी के समीप लेकर गई तो रानी ने तांत्रिक की चाल समझ कर इत्र को दोबारा दासी के द्वारा बाहर भिजवा दिया और कहा कि से इस इत्र को फेंक देना अर्थात  रानी पहले से सचेती कि तांत्रिक कुछ ऐसी ही हरकत करेगा तथा रानी ने तांत्रिक को गिरफ्तार करवाने का आदेश दिया जब तांत्रिक को या आभास हुआ कि रानी को उसकी मनो स्थिति के बारे में सब कुछ पता चल चुका है तो तांत्रिक ने अपने गिरफ्तार होते ही रानी रत्नावती के राज्य को श्राप दे दिया कि जब तक वह अपनी आखिरी सांस नहीं ले लेता तब तक ही राज्य सुरक्षित रहेगा अर्थात तांत्रिक के मरने के  उपरांत राज्य तहस-नहस हो जाएगा  जब तांत्रिक ने   अपनी आखिरी   सांस ली तुरंत रानी रत्नावती ने अपने भानगढ़ के किले के सभी वासियों को तथा आसपास के सभी गांव वालों को सुरक्षित स्थान पर भिजवा दिया परंतु रानी स्वयं तांत्रिक के श्राप से ना बच पाई क्योंकि तांत्रिक के श्राप का प्रकोप इतना भारी था कि उनका अर्थात रानी रत्नावती का राज्य तांत्रिक के मरते ही इमारतें गिरने लगी और किला वीरान हो गया राज्य के वीरान होने के उपरांत वहां पर कोई भी इंसान या पक्षी रहना उचित नहीं समझता था रानी रत्नावती इतनी महान  थी  कि स्वयं को दूषित  हुए बगैर अपनी पवित्रता का संदेश देते हुए सिंधु देवड़ा पर्वत पर रहने वाले उस तांत्रिक का अंत उन्होंने स्वयं किया बिना अपने प्राण की परवाह करते हुए कहते हैं आज भी रानी और उनकी   दसियों की आवाजें उस भानगढ़ के किले में रात को  सुनाई देती हैं  और उस तांत्रिक के काले जादू के मंत्र पढ़ने की आवाज भी आती है किले से आज भी भानगढ़ के इस किले के आसपास सूर्योदय सूर्यास्त के बाद कोई जाना पसंद नहीं करता आज भी वहां पर आसपास के लोगों में यह किम दंतिया प्रचलित है कि भानगढ़ के किले से आज भी आवाजें आती हैं  |


सख्त हिदायत :- 


    राजस्थान के अलवर जिले के भानगढ़ के किले पर जाने वाले सभी टूरिस्ट को तेरी तरफ से यही हिदायत है कि वह यहां जाने से पहले इस किले के बारे में संपूर्ण जानकारी एकत्र करले भानगढ़ के किले के 6 किलोमीटर के दायरे में भारत की A.S.I.(Archaeological Survey of India) ने बोर्ड लगा रखा है इस बोर्ड पर साफ-साफ लिखा है कि सूर्योदय से पहले अर्थात 6:00 बजे से पहले तथा सूर्यास्त के बाद अर्थात 6:00 बजे के बाद यहां पर कोई भी ना जाए दिन और रात दोनों में इस किले का भयानक रूप देखने को मिलता है और इसके लिए के आसपास रात और दिन दोनों में ही आवाजें जोकि अत्यंत भयानक होती हैं सुनने को मिलती हैं ऐसा यहां के लोगों का कहना है मेरी यहां पर जाने वाले सभी टूरिस्ट को यह सख्त हिदायत है कि यहां पर केवल सूर्योदय के बाद ही जाएं यदि घूमने और इस किले की नक्काशी को देखना हो तो टूरिस्ट यहां पर बिना गाइड के ना जाए 



Image result for bhangarh fort
source :- google

No comments:

Post a Comment