Wednesday, October 16, 2019

Kuldhra Village|| || BEST TOURIST PLACES IN INDIA || HISTORIC PLACES


कुलधरा  गांव:-


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   हमारी पृथ्वी इतनी खूबसूरत है कि यहां पर सभी जीवित और निर्जीव वस्तुओं को बराबर का स्थान मिला है इस पूरे ब्रह्मांड में एक संसार और एक संसार में पृथ्वी एक पृथ्वी में भारत और भारत में के अलावा भी कई ऐसे देश हैं BEST TOURIST PLACES IN INDIA | HISTORY IN INDIA | TOURIST PLACES IN INDIA | HISTORICAL PLACES IN THE INDIA  | INDIA  LANDMARK | HISTORIC PLACES


    जो अलग-अलग सभ्यता और अलग-अलग  रहन-सहन से प्रचलित है इसी प्रकार भारत में कई ऐसे राज्य तथा इन राज्यों में कई ऐसे शहर और इन शहरों में कई ऐसे जिले और इन जिलों में कई ऐसे गांव  व कस्बे में उपस्थित हैं  परंतु कुछ राज्य तो अपनी नाम व सभ्यता और संस्कृति के लिए जाने जाते हैं कुछ राज्यों के जिलों के गांवों में उनकी अपनी अलग-अलग मान्यता व रहस्यों के आधार पर कहानी प्रचलित है इनमें से एक राज्य राजस्थान के जिले जैसलमेर के कुलधरा गांव की कहानी प्रचलित है एक समय था जब यह गांव हरा भरा था परंतु कुछ समय पश्चात इस गांव में  अकाल सा पड़ गया कहते हैं बहुत साल पहले अर्थात ढाई सौ साल पहले इस गांव में पालीवाल ब्राह्मण समाज के लोग रहते थे गांव की रचना 13वीं शताब्दी में हुई थी

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गांव की रचना :-

    यह गांव 13वीं शताब्दी में बसाया गया थाअर्थात 1291  में यह गांव बताया गया था कुछ समय तक सुरक्षित और खुशहाल था या गांव परंतु कुछ लोगों के अनुसार ऐसी कहानियां प्रचलित हैं कि यह गांव ज्यादा दिन तक खुशहाल ना रह पाया ऐसा क्यों हुआ इसका कोई ठोस कारण तो पता नहीं चल पाया परंतु यही पता चल पाया है कि अचानक से सुनसान और वीरान हो गया यह गांव लगभग 83 से 84 गांव को मिलाकर के था जो कि अब वीरान हो गया है यहां पर रहने वाले लोग एक समय पर बहुत खुशहाल आज धनवान थे कहते हैं या गांव लगभग 100 किलोमीटर के  क्षेत्रफल में फैला हुआ है  |


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वीरान होने का कारण :-

   वैसे तो या गांव एक समय में बहुत कुछ और हरा भरा था परंतु अब या गांव वीरान हो गया है यहां पर आसपास कोई रहना पसंद नहीं करता क्योंकि कुछ लोग ऐसा कहते हैं कि इस गांव के आसपास या इस गांव से अजीब सी आवाजें और कोलाहल सुनने को मिलता है फिर चाहे दिन हो या रात यहां के क्षेत्र में ऐसी किंवदंती या प्रचलित है कि यहां के राजा का एक मंत्री जिसका नाम सलीम सिंह था |


  यह मंत्री पालीवाल समाज के लोगों में से एक पालीवाल ब्राह्मण की पुत्री जिसकी आयु 18 वर्ष थी उससे विवाह करना चाहता था इस वजह से लोग अर्थात पालीवाल ब्राह्मण इस मंत्री सलीम सिंह से  नाराज थे परंतु जब उस लड़की ने विवाह करने से मना कर दिया तो सलीम सिंह ने पालीवाल ब्राह्मण से बदला लेने के लिए कर बढ़ा दिया और लोगों को परेशान करने लगा ना लोगों को पानी पीने को मिलता ना ठीक से खाना खाने को मिलता उनकी जरूरतों के अनुसार चीजें देने से मंत्री सलीम सिंह मना कर देता कर इतना बढ़ गया था कि इन सभी परेशानियों से तंग आकर पालीवाल ब्राह्मण के लोगों ने यह निर्णय लिया कि अंततः वह गांव छोड़ देंगे क्योंकि उन्हें अपनी इज्जत और अपनी बेटी की शान बहुत प्यारी थी लोगों ने अर्थात पालीवाल ब्राह्मण समाज के सभी लोग अपनी पुत्री की शान और इज्जत को बचाने के लिए और उस मंत्री के द्वारा  किए गए अत्याचारों  से परेशान होकर पालीवाल समाज के लोगों ने यह निर्णय निकाला कि वह और  उसके साथ  बाकी के 83 गांव में रहने वाले पालीवाल ब्राह्मण भी अपने अपने घरों में एक सुरंग बनाएंगे अतः एक समय आने पर उस सुरंग का इस्तेमाल करके वह नगर छोड़ देंगे परंतु मंत्री का खौफ इतना था कि वह सोचते रोज थे पर सुरंग से निकल नहीं पाते थे 1 दिन मंत्री ने जबरजस्ती पालीवाल ब्राह्मण की पुत्री के साथ विवाह करने की कोशिश की मंत्री सलीम सिंह के इस दुर्व्यवहार से पालीवाल ब्राह्मण के लोगों का मन बहुत आहत हुआ आता उन लोगों ने यह नगर छोड़ने का विचार बना ही लिया कहते हैं कि पालीवाल ब्राह्मण पूरे 83 से 84 गांव में बसे हुए थे |


यह 84 गांव के पालीवाल ब्राह्मण ने एक साथ पलायन करने की ठानी और शाम होते ही वह सुरंग का इस्तेमाल करते हुए नगर को छोड़ने लगे अतः जब वह गांव से बाहर जाने लगे तो उनका मन इतना आहत था कि उन्होंने श्राप दे दिया इस गांव को उनके द्वारा दिए गए श्राप मैं इतना तेज था कि उनके द्वारा दिए गए श्राप से मंत्री सलीम सिंह तो क्या वह पूरा नगर भी ना बच पाया श्राप कुछ इस प्रकार से था यह नगर और यहां पर बसने वाले 84 गांव वीरान और सुनसान हो जाएंगे अतः पुनः यहां पर कोई गांव या कोई भी जीव अपना वास नहीं कर पाएगा अर्थात पालीवाल ब्राह्मणों ने ऐसा श्राप इस गांव को सुनसान होने और वीरान बनने के लिए दिया जैसा श्राप पालीवाल ब्राह्मण के लोगों ने दिया असर भी कुछ ऐसा ही हुआ उस समय से लेकर के आज तक इस गांव में कोई भी नहीं बच पाया और यह गांव पहले से भी ज्यादा वीरान हो गया आज भी जब इस गांव में कोई जाता है तो वहां ज्यादा देर तक रोक नहीं पाता वहां से कुछ डरावनी आवाजें और लोगों का कोलाहल सुनाई देता है कहते हैं ऐसा तभी से होना शुरू हो गया जबसे पालीवाल ब्राह्मण होने यह गांव छोड़ा आज भी इस गांव में सूर्यास्त के बाद अर्थात शाम 6:00 बजे के बाद और सूर्योदय के पहले अर्थात सुबह 6:00 बजे से पहले इस गांव की सीमा को पार करना किसी के बस में नहीं है सब यहां जाने से डरते हैं और अब तो दिल्ली की .एस. आई टीम ने भी इस पर मुहर लगा दी है .एस. आई द्वारा  इस गांव के बाहर सीमा पर बोर्ड लगा हुआ है कि सूर्योदय के बाद अर्थात शाम 6:00 बजे के बाद और सूर्योदय से पहले अर्थात सुबह 6:00 बजे से पहले यहां जाना दंडनीय अपराध है ऐसा .एस. आई द्वारा बोर्ड पर लिखा हुआ है |


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गांव की खासियत :-

   इस गांव को 13वीं शताब्दी में  बसाया गया था अर्थात इसकी रचना पालीवाल समाज के ब्राह्मणों ने सन 1291   से पहले  बसाया था  कहते है की शुरुआत में यह गांव  बेहद खूबसूरत और हंसता खेलता था यहां पर रहने वाले लोगों ने अपने घरों का निर्माण  इस प्रकार करवाया था |


पालीवाल ब्राह्मण के लोगों का घर  साधारण घर नहीं था पालीवाल ब्राह्मण के लोगों का घर अपनी नक्काशी और सुंदरता के लिए बहुत प्रचलित था परंतु अचानक कुछ समय पश्चात दिक्कतें शुरू हो गई कहते हैं यह गांव अपनी पवित्रता और यहां के पालीवाल ब्राह्मण समाज के लोगों के कारण ही मशहूर था या गांव करीब 100 किलोमीटर के क्षेत्रफल में फैला हुआ है और लगभग 84 गांव क्षेत्रफल में बसे थे यहां पर पालीवाल समाज के लोग स्थान छोड़कर जब चले गए तो यहां पर सिर्फ और सिर्फ पालीवाल समाज के लोगों द्वारा बनाए गए खूबसूरत इमारतें ही रह गई थी परंतु यही इमारतें  भी ज्यादा दिन तक सुरक्षित नहीं रह पाए  कहते हैं कि जब पालीवाल समाज के लोगों ने श्राप दिया उसके कुछ समय पश्चात ही यहां पर भूकंपीय गतिरोध उत्पन्न हुए और यहां की खूबसूरत इमारतें जिसमें पालीवाल ब्राह्मण रहते थे 84 गांव में बनाई गई सभी इमारतें भूकंप और लोगों के श्राप के कारण ढह गई अर्थात खंडहर बन गई यह गांव करीब 250 वर्षों से भी ज्यादा वर्षों से वीरान है |



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एस आई टीम द्वारा इस गांव में किया गया सर्वेक्षण :- 

   दिल्ली की एक पैरानॉर्मल एक्सपर्ट की टीम ने  यहां पर जाकर  यहां के लोगों के मध्य फैली हुई  किंवदंतियों की असलियत जानने के लिए एएसआई टीम के चार लोग कुलधरा गांव में दोपहर में गए परंतु जब एसआई टीम के लोग दोपहर में इस गांव में प्रवेश किए तो उन्हें  इस गांव में कुछ नहीं मिला अर्थात कोई ऐसी एक्टिविटी या ऐसी आवाज नहीं सुनाई नहीं दी तब फिर एएसआई टीम के मेंबर्स ने यह सोचा कि हम रात में रुकते हैं यहां पर और एएसआई टीम की  4 मेंबर रात में इस गांव में रुके  और जैसे ही शाम हुई शाम के 6:00 बजे के मेंबर्स ने पैरानॉर्मल एक्टिविटी रिकॉर्ड करने वाला यंत्र अपने पास रखा था |

वह इस यंत्र को जगह जगह पूरे गांव में लेकर जाने लगे सभी मेंबर्स अलग-अलग हिस्से में  बिखर गए थे  जैसे ही शाम के 6:00 बजे एसआई टीम के मेंबर्स को कुछ आभास हुआ किस गांव में कोई है परंतु जब वह मुड़ के देखे तो वहां कोई नहीं था अतः उन्होंने पूरे गांव का सर्वेक्षण करने की सूची जैसे ही वह गांव के अंदर जाने लगे जिस समय वह गांव के अंदर जा रहे थे तब समय कुछ 9:00 बज रहा था रात के एसआई टीम के मेंबर्स पूरे गांव में सर्वेक्षण करने लगे तभी एक मेंबर अलग हो गया और उसने कुछ महसूस किया कुछ महसूस यह किया कि उसके आसपास कोई था और कुछ आवाज रही थी वह जब मुड़कर देखा तो वहां कोई नहीं था पर उसके पास पैरानॉर्मल एक्टिविटी रिकॉर्ड करने वाला जो यंत्र था  ग्रीन सिग्नल दिखा रहा था  अर्थात ग्रीनसिगनल का मतलब यह होता है कि यहां पर कोई भूत प्रेत का साया है फिर वह मेंबर जिसको पर अलौकिक शक्तियों का आभास हो रहा था वह अपने जीप के पास गया पानी पीने के लिए जब वह गया तो उसे लगा कि  उसका कोई पीछा कर रहा है परंतु मुड़कर देखने पर उसे कोई नहीं मिला जब उसने पानी की बोतल अपनी जीप से उठाई तो उसकी बोतल जमीन पर गिर गई थी जमीन पर गिरी हुई बोतल उसने उठाई तो उसे नीचे जीप के पहियों के पास किसी के पैर दिखाई दिए उठ के जीप के शीशे में देखा तो उसे कोई बूढ़ा आदमी दिखा परंतु जब उसने मुड़के दोबारा देखा शीशे में तो वहां कोई नहीं था ऐसा ही टीम के इस नंबर को अब तक यह मालूम चल चुका था किस गांव में कुछ ऐसी अदृश्य शक्तियां हैं और उसने अपने सभी मेंबर्स को एकत्रित किया सिग्नल के द्वारा सभी मेंबर जीप के पास गए और इस मेंबर ने अपने साथ हुई सारी घटनाएं बाकी के 3 मेंबर को बताई और फिर बाद में इन लोगों ने यह निर्णय लिया कि यह लोग गांव छोड़कर चले जाएंगे क्योंकि उन्हें वह सबूत मिल चुके थे जो उनके लिए काफी थे यह जानने के लिए किस गांव में पर अलौकिक शक्ति है या नहीं अतः वह मेंबर पुनः दिल्ली चले गए दिल्ली जाकर एएसआई टीम के 4 मेंबर ने जो रिपोर्ट इकट्ठी की थी वह रिपोर्ट दिल्ली के आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया  दिल्ली की टीम को दिए रिपोर्ट देने के बाद कुछ दिन पश्चात जिस मेंबर ने वहां पारलौकिक शक्ति होने का आभास किया था उस नंबर की तबीयत खराब हो गई थी साथ 8 महीने तक वह मेंबर अस्पताल में एडमिट था अर्थात इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि इस कुलधरा गांव में पर अलौकिक  शक्तियों का वास है एस आई टीम ने राजस्थान की गवर्नमेंट को या प्रूफ दिया जिसे देखने के बाद राजस्थान की गवर्नमेंट ने या निश्चय किया कि सूर्योदय से पहले अर्थात 6:00 बजे से पहले सुबह में और सूर्यास्त के बाद अर्थात 6:00 बजे के बाद    इस गांव में किसी को भी जाने के लिए सख्त मनाई है और इस गांव के सीमा पर  सिक्योरिटी गार्ड लगा दिए  

गांव के विषय में  सचेत करने वाले तथ्य:-

   इस गांव के विषय में जाने वाले उन सभी लोगों को हमारी तरफ से यह सख्त हिदायत है कि सूर्योदय के आसपास  और सूर्यास्त के आसपास यहां ना आए जाए एएसआई टीम द्वारा राजस्थान गवर्नमेंट को एविडेंस देने के बाद यह निर्णय लिया गया कि 2017 में अब यह गांव कुलधरा गांव टूरिस्ट प्लेस बना दिया गया है अर्थात यहां जाने वाले सभी टूरिस्ट से अनुरोध है कि यहां पर बिना गाइड के ना जाए और पूरी जानकारी एकत्र करने के बाद ही जाएं 

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